संज्ञा किसे कहते हैं? परिभाषा, भेद और उदाहरण | sangya kise kahte hai

संज्ञा किसे कहते हैं? परिभाषा, भेद और उदाहरण | sangya kise kahte hai

संज्ञा के परिभाषा

किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थान, भाव, जानवर एवं जाति आदि के नामों को संज्ञा कहते हैं। जैसे – राम, रहीम, सीता, गीता, कलम, पेंसिल, पटना, दिल्ली, ईमानदारी, बेईमानी, चीनी, दूध, सोना, चांदी आदि।

नोट: ( 1 ) यदि संज्ञा शब्दों की सूची बनाई जाई, तो इसमें असंख्य शब्द आ जायेगी, इसलिए इन्हे महानाम भी कहा गया है।

( 2 ) लेकीन, रंगों के नाम,- लाल, काला, पीला, हरा आदि संज्ञा नहीं है, ये विशेषण कहलाते है, क्योंकि इनसे किसी व्यक्ति या वस्तु की विशेषता झलकती है। जैसे –
श्याम काला है ( काला – विशेषण )
यह कपड़ा लाल हैं ( लाल – विशेषण )

संज्ञा के भेद

हिंदी व्याकरण के अनुसार संज्ञा के पांच भेद होते हैं –

( 1 ) व्यक्तिवाचक संज्ञा ( Proper Noun )
( 2 ) जातिवाचक संज्ञा ( Common Noun )
( 3 ) समूहवाचक संज्ञा ( Collective Noun )
( 4 ) भाववाचक संज्ञा ( Abstract Noun )
( 5 ) द्रव्यवाचक संज्ञा ( Material Noun )

( 1 ) व्यक्तिवाचक संज्ञा ( Proper Noun )

जिस संज्ञा से किसी खास व्यक्ति, वस्तु, जगह आदि का बोध होता है, उसे व्यक्तिवाचक संज्ञा कहते है। जैसे – राम, रहीम, सीता, गीता, सूरज, पृथ्वी, पटना, बनारस, महाभारत, रामायण आदि।

नोट: राम या श्याम कहने से किसी खास व्यक्ति का बोध होता है, अतः राम या श्याम व्यक्तिवाचक संज्ञा हैं, लेकीन ‘ लड़का ‘ कहने से दुनियां में जितने लड़के हैं, सभी का बोध होता है, अतः ‘ लड़का ‘ जातिवाचक संज्ञा हैं।

( 2 ) जातिवाचक संज्ञा ( Common Noun )

जिस संज्ञा से पूरी जाति का बोध होता है, उसे जातिवाचक संज्ञा कहते है। जैसे – लड़का, लड़की, स्त्री, पुरूष, गाय, बैल, पशु, पक्षी, फल, फूल, आलू, प्याज, गांव, शहर आदि।

( 3 ) समूहवाचक संज्ञा ( Collective Noun )

जिस संज्ञा से व्यक्तियों या वस्तुओं के समूह का बोध होता है, उसे समूहवाचक संज्ञा कहते है। जैसे – सेना, वर्ग, गुच्छा, झुंड, परिवार, खानदान आदि।

( 4 ) भाववाचक संज्ञा ( Abstract Noun )

जिस संज्ञा से व्यक्ति या वस्तु के गुण या धर्म का बोध हो, उसे समूहवाचक संज्ञा कहते है। जैसे – ईमानदारी, बेईमानी, बुढ़ापा, लड़कपन, लंबाई, चौड़ाई, अच्छाई, बुराई, सिलाई, पिटाई, पढाई, एकता, वीरता, मूर्खता आदि।

( 5 ) द्रव्यवाचक संज्ञा ( Material Noun )

जिस संज्ञा से वस्तु को मापा या तौला जाएं, उसे द्रव्यवाचक संज्ञा कहते है। जैसे – सोना, चांदी, घी, तेल, पानी, कपड़ा, लकड़ी, कोयला आदि।

संज्ञा का आधुनिक वर्गीकरण

संज्ञा का नया वर्गीकरण दो भागों में बांटा गया है –

( 1 ) गणनीय और अगणनीय संज्ञा : जिसे गिना जाए वह गणनीय संज्ञा हैं और जिसे न गिना जाए वह अगणनीय संज्ञा हैं।

गणनीय संज्ञा : लड़का – लड़की, पशु – पक्षी, फल – फूल आदि।

अगणनीय संज्ञा : तेल, अन्न, सोना, पत्थर, लड़कपन आदि।

( 2 ) प्राणिवाचक और अप्राणिवाचक संज्ञा : जो जीव उठ – बैठ, चल – फिर सकता है वह प्राणिवाचक संज्ञा हैं और जो जीव उठ – बैठ, चल – फिर नहीं सकता है वह अप्राणिवाचक संज्ञा हैं। जैसे –

प्राणिवाचक संज्ञा : मनुष्य, पशु – पक्षी, कीट – पतंगे आदि।

अप्राणिवाचक संज्ञा : तेल, अन्न, सोना, पत्थर, लड़कपन आदि।

 

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