वर्णमाला किसे कहते हैं वर्ण, वर्णमाला, परिभाषा, भेद और उदाहरण hindi grammar

 

वर्ण पहचान – हिंदी वर्ण, वर्णमाला, परिभाषा, भेद और उदाहरण – hindi grammar

 

varnmala in hindi grammar
varnmala in hindi grammar

 

नमस्कार, जैसा की हम सभी जानते है की हिंदी शुद्ध पढ़ने, लिखने और बोलने के लिए हमें सबसे पहले इनके सबसे छोटी इकाई वर्ण और वर्णमाला को जानना होगा। इसलिए आज के इस विषय में हम लोग सीखेंगे हिंदी वर्णभाग की सबसे छोटी इकाई वर्ण, वर्णमाला, इनके भेद और उदाहरण और इनके साथ साथ हम हिंदी वर्णमाला के सभी इकाइयों के साथ उनके सभी मात्रा, हलन्त, अजन्त और बारहखड़ी बनने की प्रक्रिया को जानेंगे। इसलिए आज के इस लेख में आपको बहुत ही आवश्यक जानकारी सिखने को मिलेगी इसलिए आप इस टॉपिक पर बने रहिये।

 

वर्णमाला किसे कहते हैं और कितने होते हैं?
हिंदी वर्ण 
वर्ण: दो या दो से अधिक वर्णन से जो विकार या ध्वनि उत्पन्न होती है, उसे वर्णमाला कहते हैं । जेसे:- अ, आ,क, ख, ग, य, र, ज्ञ।
 
वर्णमाला, भेद और उदाहरण
वर्णमाला: वर्णों के व्यवस्थित समूह को वर्णमाला कहते हैं।
अ आ इ ई उ ऊ,क, ख, ग, ज्ञ, आदि।
हिंदी वर्णमाला में हिंदी भाषा के अनुसार 52 वर्ण होते हैं, हिंदी पढ़ने के लिए बच्चों को सबसे पहले वर्णमाला का पहचान, वर्णमाला का स्मरण, और वर्णमाला को पढ़ने आना चाहिए सभी बच्चे आगे चलकर अच्छे से हिंदी शुद्ध तरीके से उच्चारण करके पढ़ सकें।
 
जैसे:
अ आ इ ई उ ऊ ऋ,
ए ऐ ओ औ अं अ:
 
कुल वर्णों की संख्या= १३ है , ये स्वर वर्ण कहलाते है जिसका यूज मात्राओं के रूप में किया जाता हैं।
नोट: यदि आपको भी बारिश तथा वर्षा के पानी से दिक्कत होती है , तो वे हमें सबसे पहले वर्णमाला का ज्ञान, हिमोग्लोबिन का मतलब पता होना चाहिए।
 
मात्रा: हम जब वर्णमाला को अच्छे से पहचान लेते है, अच्छे से पढ़ लेते हैं और अच्छे से लिख लेते हैं तो आगे हमें मात्रा की जानकारी होती है। मात्रा अ से अ: तक ही बनता है।
जिसे हम स्वर वर्ण कहते है . अ, आ, इ (हर्सिकार), ई (दीर्घिकार), उ (हर्षुकार), ऊ (दूर्घुकार), ऋ, ए, ऐ, ओ, औ, अं (अनुस्वार), अ: (विसर्ग)
 
बारहखड़ी: वर्णमाला और मात्रा सीखने के बाद हमें बारहखड़ी को सीखने चाहिए, क्योंकि बारहखड़ी ही एक ऐसा पद्धति है जो वर्णमाला (व्यंजन वर्ण) और मात्रा मिलकर 12 खड़ी का निर्माण होता है। बारहखड़ी हिन्दी के वर्ण क से ज्ञ तक बनता है। जैसे:
क का कि की कु कू के कै को कौ कं क: ।
क्+अ= क
क्+आ= का
क्+इ= कि
क्+ई= की
क्+उ= कु
क्+ऊ= कू
क्+ए= के
क्+ऐ= कै
क्+ओ= को
क्+औ= कौ
क्+अं= कं
क्+अ:= कः
 
जब हम वर्णमाला, मात्रा और बारहखड़ी को अच्छे से सीख जाते हैं तो उसके पश्चात हमें शब्द बनाने का प्रयास करना चाहिए जिसमें दो अक्षर वाले शब्द, तीन अक्षर वाले शब्द, चार अक्षर वाले शब्द, पांच अक्षर वाले शब्द, और इसके अलावा हमें मात्राओं से बनने वाले शब्दों को भी प्रैक्टिस करना और बनाने का प्रयास करना चाहिए। जिसमें आकार की मात्रा वाले शब्द, हर्सीकार की मात्रा वाले शब्द, दीर्घीकार की मात्रा वाले शब्द, उकार की मात्रा वाले शब्द, ऊकार की मात्रा वाले शब्द, एकार की मात्रा वाले शब्द, ऐकार की मात्रा वाले शब्द, ओकार की मात्रा वाले शब्द, औकार की मात्रा वाले शब्द, अनुस्वार की मात्रा वाले शब्द, विसर्ग की मात्रा वाले शब्दों को प्रयास करना चाहिए।
 
FOR RELATED CONTENT –
व्याकरण किसे कहते हैं | परिभाषा, भेद और अंग | hindi vyakaran
 
इसके बाद हमें बच्चों को कितावे पढ़ने का प्रैक्टिस करवाना चाहिए और समय-समय पर उनसे उनकी किताबों में दिए गए सभी ग्रह कार्य को कंप्लीट करके लाने को कहे जिससे बच्चें ध्यान से इसे पढ़े। जय हिन्द

Leave a Comment